जब धर्म पर पाखंडी और धार्मिक व्यापारी कब्ज़ा कर ले तो किसी आदिपुरुस मूवी का बन जाना महज कोई संयोग नहीं है, बल्कि एक प्रयोग है। कथित राष्ट्रवाद के ठेकेदार, धर्म का लिहाफ ओढ़कर प्रजा को नित्य नये मनोरजन में लीन रखते है। अब सुना है कि आदिपुरुष मूवी  सिनेमाघरोंRead More →